आखिर बैठकें मजेदार हैं।
एक ही विचार
वही मुसीबत
समान दिशा
लोभ को जाने दो
एक-दूसरे पर भरोसा करना
क्या वह आधार है
हमेशा
मैं बेहतर करना चाहता हूं
मुझे लगता है।
शायद
वो करें
इरादा भवन मालिक
यह असीम रूप से ऊंचा दिखता है।
आख़िरकार
कई छिपे हुए "गोसू" हैं।
यह एक स्थिति है कि वे हमेशा बहुत कुछ सीखते हैं।